🌺 नवरात्रि का चौथा दिन: माँ कूष्माण्डा की पूजा 🌺
नवरात्रि 2025 का चौथा दिन पंचांग (माँ कूष्माण्डा पूजा) 🌸
🗓 तिथि: शुक्रवार, 26 सितम्बर 2025
🚩 पर्व: शारदीय नवरात्रि का चौथा दिन
🙏 देवी पूजन: माँ कूष्माण्डा की पूजा
इस दिन का विशेष महत्व है क्योंकि माँ कूष्माण्डा को सृष्टि की आदिशक्ति माना जाता है। ऐसा विश्वास है कि उन्हीं की हँसी से सम्पूर्ण ब्रह्मांड की रचना हुई थी।
🙏 माँ कूष्माण्डा का स्वरूप व महत्व
माँ कूष्माण्डा के आठ भुजाएँ होती हैं, इसलिए इन्हें अष्टभुजा देवी भी कहा जाता है। उनके हाथों में कमंडल, धनुष, बाण, कमल, अमृत कलश, चक्र, गदा और जपमाला होती है।
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माँ कूष्माण्डा की आराधना से सकल रोग-शोक दूर होते हैं।
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साधक को दीर्घायु और स्वास्थ्य प्राप्त होता है।
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गृह में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
🕉️ पूजन विधि (Puja Vidhi)
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प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
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पूजा स्थान पर कलश स्थापना कर माँ कूष्माण्डा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
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नारंगी या लाल फूल अर्पित करें।
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मालपुए का भोग लगाएँ।
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दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
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अंत में माँ की आरती करें।
📖 माँ कूष्माण्डा की कथा (Katha)
पुराणों के अनुसार जब ब्रह्मांड में अंधकार ही अंधकार था, तब देवी ने अपनी मन्द मुस्कान से अंड (ब्रह्मांड) की रचना की। इसीलिए इन्हें कूष्माण्डा कहा जाता है।
उन्होंने सूर्यलोक में निवास किया और समस्त लोकों को ऊर्जा प्रदान की। इस कारण इन्हें आदि शक्ति और सृष्टि की जननी माना जाता है।
🌼 माँ कूष्माण्डा की आरती
आरती कुशमाण्डा माता की कीजै।
सकल संकट हरिणी सुख दीजै॥
भक्ति भाव से जो जन गावे।
समस्त मनोरथ सिद्धि पावे॥
❓ FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q1. नवरात्रि के चौथे दिन किस देवी की पूजा होती है?
👉 चौथे दिन माँ कूष्माण्डा की पूजा की जाती है।
Q2. माँ कूष्माण्डा का वाहन क्या है?
👉 सिंह, जो शक्ति और साहस का प्रतीक है।
Q3. इस दिन कौन सा रंग शुभ माना जाता है?
👉 नारंगी रंग धारण करना शुभ माना जाता है।
Q4. माँ कूष्माण्डा को क्या भोग अर्पित किया जाता है?
👉 मालपुआ और मिश्री का भोग विशेष प्रिय है।
Q5. माँ कूष्माण्डा की पूजा से क्या लाभ मिलता है?
👉 रोग-शोक दूर होते हैं, स्वास्थ्य लाभ और घर में सुख-समृद्धि आती है।
👉 इस प्रकार नवरात्रि का चौथा दिन माँ कूष्माण्डा की कृपा प्राप्त करने और जीवन में सुख-समृद्धि लाने का विशेष अवसर है।